Condenser Microphone की पूरी जानकारी हिन्दी में

Microphone एक Input Device के रूप में कार्य करता हैं। इसका काम आस-पास की साउंड/ध्वनि को रिकॉर्ड करना होता हैं। माइक्रोफोन साउंड/ध्वनि तरंगों को विद्युत तरंगों में परिवर्तित करता है और उसे कम्प्युटर या रिकॉर्डिंग डिवाइस में भेजता हैं। आमतौर पर माइक्रोफोन दो प्रकार के होते हैं, Dynamic Microphone और Condenser Microphone.

आमतौर पर Dynamic Microphone का इस्तेमाल On Stage Performance, सभाओं, भाषणों या तेज आवाज, लाइव इंस्ट्रूमेंट जैसे गिटार, ड्रम्स, ढोल, तबला, ऊँचे वोकल आदि को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ Condenser Microphone का इस्तेमाल Professional Audio Recording Studios में किया जाता हैं। 

इस ब्लॉग पोस्ट में हम Condenser Microphone के बारे में पूरी जानकारी देने के साथ ही इस माइक्रोफोन से जुड़े सभी सवालों के जबाव भी दे रहे हैं। जैसे :- 

  • Condenser Microphone क्या होता हैं ?
  • कंडेंसर माइक्रोफोन कैसे काम करता हैं ?
  • कंडेंसर माइक्रोफोन को कम्प्युटर के साथ कनैक्ट कैसे करते हैं ?
  • कंडेंसर माइक्रोफोन का इस्तेमाल किसे करना चाहिए। 
  • Condenser Microphone का Price कितना होता हैं ?

लेकिन यदि आप Dynamic Microphone के बारे में पूरी जानकारी हिन्दी में प्राप्त करना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करके यह ब्लॉग पोस्ट पढ़ सकते हैं। 

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कंडेंसर माइक्रोफोन क्या होता है ? ( What Is Condenser Microphone ) Condenser Microphone Meaning In Hindi [ कंडेंसर माइक्रोफोन कैसे काम करता हैं ? ]

कंडेंसर माइक्रोफोन एक इलेक्ट्रोस्टैटिक सिद्धांत पर काम करता हैं, इसमें धातु की दो प्लेट लगी होती हैं। पहली प्लेट डायफ्राम होती हैं। जब इस माइक्रोफोन से रिकॉर्डिंग की जाती है तो ध्वनि / आवाज / साउंड इस डायफ्राम से टकराती है, इससे डायफ्राम में हलचल पैदा होती है। इस कारण  डायफ्राम को चलायमान या गतिशील प्लेट भी कहते है। 

Note - ( सभी प्रकार के Microphone के अंदर एक Diaphragm होता हैं। इस डायफ्राम के द्वारा ही माइक्रोफोन आस-पास की ध्वनि तरंगो/साउंड को एकत्रित करता हैं। ध्वनि की तरंगे इस डायफ्राम से टकराती हैं। )

धातु की दूसरी प्लेट फिक्स रहती है, इसे Backplate भी कहते है। Condenser Microphone में धातु की पहली प्लेट ( डायफ्राम ) और दूसरी फ़िक्स्ड प्लेट मिलकर एक कैपसिटर की भांति कार्य करती है। जब हम कंडेंसर माइक्रोफोन से रिकॉर्डिंग करते है तो माइक्रोफोन की केबल से आने वाले करंट से यह धातु की दोनों प्लेटे चार्ज हो जाती है और इनमें इलेक्ट्रिक चार्ज स्टोर रहता है। 

Note ( Capacitor = एक उपकरण जो एक इलेक्ट्रिक चार्ज को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है।  )

जब हम कंडेंसर माइक्रोफोन से रिकॉर्डिंग करते है तब ध्वनि की तरंगे ( Sound Waves ) माइक्रोफोन के डायफ्राम से टकराती है। इससे डायफ्राम में हलचल पैदा होती है और यह ऊपर और नीचे की ओर गति करता है, इससे धातु की दोनों प्लेटों के बीच की दूरी कम या ज्यादा होती है, जिससे धातु की दोनों प्लेटों में स्टोर इलेक्ट्रिक चार्ज की विद्युत विशेषता में परिवर्तन होता है जिसे कैपेसिटेंस कहते है। 

इस प्रकार Condenser Microphone में धातु की दोनों प्लेटों के बीच की दूरी में बदलाव आने के कारण Electrical Signal उत्पन्न होता है। इस इलैक्ट्रिकल सिग्नल की तरंग ठीक वैसी ही होती है जैसी ध्वनि की तरंग माइक्रोफोन के डायफ्राम से टकराई थी। 

इस प्रकार कंडेंसर माइक्रोफोन में ध्वनि तरंगों को इलैक्ट्रिकल सिग्नल में बदलने के लिए चार्जड धातु की दो प्लेटों का इस्तेमाल किया जाता है। यह धातु की प्लेटें इलेक्ट्रोस्टैटिक सिद्धांत पर काम करती है।  इन दोनों धातु की प्लेटों को चार्ज करने के लिए विद्युत प्रवाह ( करंट ) की जरूरत पड़ती है जो माइक्रोफोन केबल के द्वारा या बैटरी के द्वारा प्रदान किया जाता हैं। 

इस कारण Condenser Microphone को सही तरीके से उपयोग में लेने के लिए Phantom Power Supply ( +48v ) की जरूरत पड़ती है क्योंकि Phantom Power ( +48v ) से माइक्रोफोन में लगी हुई धातु की दोनों प्लेटें अच्छी तरह से चार्ज हो जाती है। अधिकांश कंडेंसर माइक्रोफोन 11 से 52 वोल्ट तक के फैंटम पावर वोल्टेज के साथ काम कर सकते हैं। 

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Note - ( Phantom Power ऑडियो मिक्सर, ऑडियो इंटरफ़ेस या फिर Phantom Power Supply के द्वारा माइक्रोफोन केबल के जरिये प्रदान की जाती है। )

Features Of Condenser Microphone ( कंडेंसर माइक्रोफोन की विशेषताएं )

कंडेंसर माइक्रोफोन में निम्न विशेषताएं होती है :- 

इस प्रकार के माइक्रोफोन में जो डायफ्राम लगाया जाता हैं वो बहुत हल्का होता है, जिससे बहुत कम आवाज़ या ध्वनि होने पर भी यह हिलता है और ध्वनि को रिकॉर्ड कर लेता हैं। इस कारण कंडेंसर माइक्रोफोन बहुत कम आवाज को भी रिकॉर्ड करने की क्षमता रखता है। 

Condenser Microphone High Amplitude ( ऊंची आवाज ) और Low Amplitude Sounds ( धीमी या कम आवाज ) दोनों के प्रति ही बहुत ही संवेदी होते हैं। यह माइक्रोफोन बहुत कम आवाज को भी आसानी से रिकॉर्ड कर लेते हैं। इस कारण आमतौर पर इनका इस्तेमाल Professional Audio Recording Studios में ही किया जाता हैं जहाँ पर अच्छी साउंड प्रूफिंग हो और बिल्कुल भी शोर न हो। 

यह ध्वनि में उतार चढ़ाव को बहुत अच्छे से रिकॉर्ड कर लेता है इस कारण किसी गाने की रिकॉर्डिंग करने के लिए इस प्रकार के माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया जाता है जिससे गायक की आवाज को बेहतर ढंग के रिकॉर्ड किया जा सके। 

कंडेंसर माइक्रोफोन का इस्तेमाल किसे करना चाहिए ? 

यदि आपके कमरे या घर में अच्छी साउंड प्रूफिंग की गयी है तो ही आप कंडेंसर माइक्रोफोन का इस्तेमाल करे। इस माइक्रोफोन से रिकॉर्डिंग करने के लिए आस-पास बिल्कुल भी शोर नहीं होना चाहिए क्योंकि यह बहुत कम ध्वनि के प्रति भी बहुत ज्यादा सेंसिटिव होता है। 

Professional Audio Recording, High Quality Dubbing, Excellent Voice Over, Broadcasting या अच्छी Podcasting करने के लिए इस प्रकार के माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया जाता हैं। 

Disadvantages Of Condenser Microphone 

जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते है ठीक वैसे ही कंडेंसर माइक्रोफोन में बहुत सी विशेषताएं होने के बावजूद इसके कुछ नुकसान भी है जैसे :- 

Dynamic Microphone की तुलना में यह माइक्रोफोन महंगे होते हैं।

यह माइक्रोफोन सीधे कम्प्युटर के साथ कनैक्ट नहीं होते है। इस प्रकार के माइक्रोफोन को कम्प्युटर के साथ कनैक्ट करने के लिए Audio Interface, Audio Mixer या फिर Phantom Power Supply की जरूरत पड़ती है। 

इस प्रकार के माइक्रोफोन का रख रखाव ज्यादा करना पड़ता हैं। 

कम कीमत में आने वाले कंडेंसर माइक्रोफोन ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ हल्का शोर भी उत्पन्न करते है। 

इस प्रकार के माइक्रोफोन से रिकॉर्डिंग करने के लिए साउंड प्रूफिंग कमरे का होना बहुत जरूरी है। 

Condenser Microphone में Polar Pattern क्या होता हैं ? 

Microphone Diaphragm किस दिशा से साउंड/ध्वनि को रिकॉर्ड करेगा इसके लिए कुछ Polar Pattern निर्धारित किए गए होते हैं। जैसे 

  • Omnidirectional Polar Pattern
  • Unidirectional Polar Pattern

Polar Pattern क्या होता है और पोलर पैटर्न का माइक्रोफोन की रिकॉर्डिंग क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ता हैं, इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप यह ब्लॉग पोस्ट्स जरूर पढे। 

Condenser Microphone को Computer के साथ Connect कैसे करे ? 

Condenser Microphone को Computer के साथ Connect करने के लिए आपको Audio Interface की जरूरत पड़ेगी। Audio Interface के माध्यम से हम अपने Condenser Microphone, dynamic Microphone और Electric Instrument आदि को अपने कम्प्युटर में किसी Recording Software या Digital Audio Interface के साथ कनैक्ट करके Sound Recording कर सकते हैं। 

ऑडियो इंटरफ़ेस के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए आप यह ब्लॉग पोस्ट्स पढ़ सकते हैं :-

Audio Recording Tips & Tricks, Microphone Reviews, Music Production से जुड़ी नॉलेज और टिप्स हिन्दी में पढ़ने के लिये इस ब्लॉग को दुबारा फिर से विजिट करे। यदि 'Condenser Microphone' टॉपिक पर आधारित यह ब्लॉग पोस्ट आपको पसंद आयी हैं तो इसे सोश्ल मीडिया पर शेयर जरूर करे। 

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