Generation of Computer in Hindi - कम्प्युटर की पीढ़ियां

कम्प्युटर के विकास में चार्ल्स बैवेज का बहुत बड़ा योगदान रहा है। दुनिया के पहले प्रोग्राममिंग कम्प्युटर का नाम "एनालिटिकल इंजन" था। यह पहला ऐसा कम्प्युटर था जो दिये गये निर्देशों के आधार पर गणना करता था। इस कारण चार्ल्स बैवेज को "कम्प्युटर का जनक" कहा जाता है। कम्प्युटर का इतिहास भी बहुत पुराना है। 

इस इतिहास को समय अंतराल के आधार पर भागों में बाँटकर समझा जा सकता है। अलग - अलग समय अंतराल में कम्प्युटर का स्वरूप कैसा था,इस आधार पर इसे "कम्प्युटर की पीढ़ियां [ Generation Of Computer" के नाम से वर्णित किया जा सकता है। कम्प्युटर के इतिहास को कम्प्युटर की शुरुवात से लेकर वर्तमान तक पाँच पीढ़ियों में बांटा जा सकता है। 

इस पोस्ट में मैं आपको "कम्प्युटर की पीढ़ियां" [ Generation of Computer ] टॉपिक पर पूरी जानकारी दूंगा। इस पोस्ट को पढ़कर आप कम्प्युटर की पीढ़ियों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है।

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कम्प्युटर की पीढ़ियां [ Generation of Computer in Hindi ] 

कम्प्युटर के विकास से लेकर अब तक कम्प्युटर को पाँच पीढ़ियों में विभाजित किया जा सकता है। हर जेनेरेशन के कम्प्युटर में अलग - अलग तकनीकों और हार्डवेयर का उपयोग किया गया। कम्प्युटर की पाँच पीढ़ियां निम्न है :-

  • कम्प्युटर की पहली पीढ़ी ( 1946 से 1955 तक )
  • कम्प्युटर की दूसरी पीढ़ी ( 1956 से 1965 तक )
  • कम्प्युटर की तीसरी पीढ़ी ( 1966 से 1970 तक )
  • कम्प्युटर की चौथी पीढ़ी ( 1971 - 1985 तक )
  • कम्प्युटर की पाँचवी पीढ़ी ( 1985 से वर्तमान तक )

आइये अब कम्प्युटर की हर एक जेनेरेशन के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करते है। 

कम्प्युटर की पहली पीढ़ी [ 1946 - 1955 ) - First Generation of Computer

पहली पीढ़ी के कम्प्युटर का समयकाल 1946 से 1955 तक माना जाता है। इस पीढ़ी के कम्प्युटर में हार्डवेयर के रूप में वैक्यूम ट्यूब और पंच कार्ड का इस्तेमाल होता था। ENIAC,EDVAC जैसे कम्प्युटर सिस्टम पहली पीढ़ी के कम्प्युटर के उदाहरण है। इस पीढ़ी के कम्प्युटर आकार में बहुत बड़े होते थे। इस कारण इन्हे रखने के लिए बहुत बड़ी जगह वाले कमरे की आवश्यकता पड़ती थी। 

पहली पीढ़ी के कम्प्युटर को 'Vacuum tube computer' के नाम से भी जाना जाता है। 

पहली पीढ़ी के कम्प्युटर की विशेषता : -

  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर केवल मशीनी भाषा समझते थे। 
  • प्रथम पीढ़ी के कम्प्युटर बहुत महंगे होते थे। 
  • यह अधिक मात्र में गर्मी का उत्सर्जन करते थे। 
  • यह कम्प्युटर बड़े आकार के होते थे। 
  • फ़र्स्ट जेनेरेशन कम्प्युटर बहुत अधिक मात्रा में बिजली का उपभोग करते थे। 
  • यह एक समय में केवल एक ही कार्य को पूर्ण कर सकते थे। 

कम्प्युटर की दूसरी पीढ़ी ( 1956 - 1965 ) - Second Generation of Computer 

दूसरी पीढ़ी के कम्प्युटर का समयकाल सन 1956 - 1965 तक माना जाता है। दूसरी पीढ़ी के कम्प्युटर में इलेक्ट्रोनिक घटक के रूप में ट्रान्जिस्टर हार्डवेयर का इस्तेमाल होता था। ट्रान्जिस्टर  तेज और कम बिजली की खपत करते थे। इस पीढ़ी के कम्प्युटर में डेटा स्टोरेज उपकरण के रूप में चुम्बकीय टेप्स का इस्तेमाल किया जाता था।

इस पीढ़ी के कम्प्युटर के लिए कोबोल और फोरस्ट्रोन जैसी उच्च स्तरीय कम्प्युटर प्रोग्राममिंग भाषाएँ विकसित की गई थी। Honeywell 400,IBM 7030 जैसे कम्प्युटर सिस्टम दूसरी पीढ़ी के कम्प्युटर के उदाहरण है। 

सेकंड जेनेरेशन कम्प्युटर की  विशेषता : -

  • दूसरी पीढ़ी के कम्प्युटर का आकार पहली पीढ़ी के कम्प्युटर की तुलना में छोटा था। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर तेज और भरोसेमंद थे। 
  • यह कम्प्युटर भी गर्मी का उत्सर्जन अधिक किया करते थे। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर में बहुत महंगे थे। 

तीसरी पीढ़ी के कम्प्युटर [ 1966 - 1970 ] - Third Generation of Computer 

सन 1966 से सन 1970 तक कम्प्युटर की तीसरी पीढ़ी का विकास हुआ। तीसरी पीढ़ी के कम्प्युटर में ICs [ इंटीग्रेडड सर्किट ] का इस्तेमाल किया गया था। इस पीढ़ी के कम्प्युटर में ही इनपुट और आउटपुट के लिए Keyboard और Monitor का इस्तेमाल किया गया था। ऑपरेटिंग सिस्टम की अवधारणा ने भी इसी समय जन्म लिया था। 

थर्ड जेनेरेशन कम्प्युटर में डेटा स्टोरेज डिवाइस के रूप में बड़े आकार की चुम्बकीय डिस्क और टेप्स का इस्तेमाल किया जाता था। इंटीग्रेडड सर्किट का इस्तेमाल करने के कारण इस पीढ़ी के कम्प्युटर अधिक कुशल और आकार में बहुत छोटे हो गये थे। IBM 360/370,CDC 6600,PDP 8/11 इस पीढ़ी के कम्प्युटर के उदाहरण है। 

थर्ड जेनेरेशन कम्प्युटर की विशेषतायें :-

  • इसमें मल्टीप्रोग्राममिंग सिस्टम था। 
  • तीसरी पीढ़ी के कम्प्युटर तेज,आकार में छोटे और विश्वसनीय थे। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर पहली और दूसरी पीढ़ी के कम्प्युटर की तुलना में सस्ते थे। 

चौथी पीढ़ी के कम्प्युटर [ 1971 - 1985 ] - Fourth Generation of Computer

चौथी पीढ़ी के कम्प्युटर में बहुत सी नयी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया था। इस पीढ़ी के कम्प्युटर में प्रोसेसिंग हार्डवेयर के रूप में माइक्रोप्रॉसेसर का इस्तेमाल किया गया था। माइक्रोप्रॉसेसर एक सिलिकॉन चिप होती है जिस पर हजारों की संख्या में इंटीग्रेडड सर्किट होते है। चौथी पीढ़ी के कम्प्युटर में एकीकृत इंटीग्रेडड सर्किट ( माइक्रोप्रॉसेसर ) का इस्तेमाल किया जाता था। 

Intel कंपनी ने इस समयअंतराल में सन 1971 में Intel 4004 चिप विकसित की थी। फोर्थ जेनेरेशन कम्प्युटर में ग्राफिक यूजर इंटरफ़ेस और ओएस तकनीक थी। Apple II,VAX 9000,CRAY 1/2 चौथी पीढ़ी के कम्प्युटर के उदाहरण है। 

फोर्थ जेनेरेशन कम्प्युटर की विशेषतायें :-

  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर में हार्डवेयर कॉम्पोनेंट के रूप में माइक्रोप्रॉसेसर और सेमीकंडक्टर मेमोरी का इस्तेमाल होता था। 
  • इसमें ICs VLSI हार्डवेयर तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। 
  • पोर्टबल डिवाइस के रूप में चुम्बकीय टेप्स और फ्लॉपी उपकरण थे। 
  • यह आकार में बहुत छोटे थे। 
  • चौथी पीढ़ी के कम्प्युटर गर्मी का उत्पादन बहुत कम करते थे। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर रियल टाइम प्रोसेसिंग करने में सक्षम थे। 
  • यह कम्प्युटर मल्टीप्रोसेसिंग करने में भी समर्थ थे। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर के लिए C,C++,डेटाबेस जैसी उच्च स्तरीय प्रोग्राममिंग भाषायों का निर्माण और इस्तेमाल हुआ। 

कम्प्युटर की पाँचवी पीढ़ी [ 1985 से वर्तमान ] - Fifth Generation of Computer 

पाँचवी पीढ़ी के कम्प्युटर में ICs ULSI ( अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटिग्रेशन ) तकनीक का इस्तेमाल किया जाने लगा। इस तकनीक के कारण माइक्रोप्रॉसेसर अधिक मात्रा में प्रोसेसिंग करने मे समर्थ हो गये है। इस कारण कम्प्युटर मल्टीप्रोसेसिंग करने में सक्षम हो चुके है। PARAM,Pentium,IBM जैसे कम्प्युटर पाँचवी पीढ़ी के कम्प्युटर के उदाहरण है।

फ़िफ्थ जेनेरेशन के कम्प्युटर बहुत तेजी से प्रोसेसिंग करने में सक्षम है। यह कम्प्युटर एक समय में बहुत से कार्यों को प्रोसैस कर सकते है। इसमें ऑपरेशन सिस्टम जैसे सिस्टम सॉफ्टवेयर के अलावा अलग - अलग प्रकार के प्रोग्राममिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।

पाँचवी पीढ़ी के कम्प्युटर की विशेतायें :-

  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर में ICs ULSI तकनीक का इस्तेमाल किया गया। 
  • डाटा स्टोरेज करने के लिए हार्डडिस्क,ऑप्टिकल डिस्क जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। 
  • इस पीढ़ी के कम्प्युटर में ऑपरेटिंग सिस्टम के अलावा कई प्रकार के प्रोग्राममिंग सिस्टम होते है। 
  • पाँचवी पीढ़ी के कम्प्युटर में इंटरनेट का इस्तेमाल और इंटरनेट से जुड़ी तमाम सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। 
  • पाँचवी पीढ़ी के कम्प्युटर आकार में बहुत छोटे है। 
  • यह कम्प्युटर बहुत कम मात्रा में गर्मी का उत्सर्जन करते है। 
  • पाँचवी पीढ़ी के कम्प्युटर बहुत तेज,सस्ते और विश्वसनीय है। 
  • JAVA,VB,.NET जैसी उच्च स्तरीय प्रोग्राममिंग भाषायों की शुरुवात इस पीढ़ी में ही हुई है। 

हर दिन नयी तकनीकों के आविष्कार होने के कारण और आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की अवधारणा के कारण पाँचवी पीढ़ी के कम्प्युटर बहुत अधिक शक्तिशाली और स्मार्ट होते जा रहे है।

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