जैविक खेती कैसे करे ? पूरी जानकारी [ Organic Farming in Hindi ]

आप सभी का Amojeet-हिन्दी ब्लॉग पर स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको "जैविक खेती" के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। यह एक ऐसा टॉपिक पर जिस पर बहुत से लोग जानकारी प्राप्त करना चाहते है जैसे की,"जैविक खेती क्या है","जैविक खेती कैसे करे" ?

इस कारण यदि आप भी इस टॉपिक के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को पूरा जरूर पढे। तो आइये "जैविक कृषि के बारे में पूरी जानकारी" प्राप्त करते है।

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जैविक खेती क्या होती है ? जैविक खेती का क्या अर्थ है ? What is Organic Farming in Hindi ? ऑर्गेनिक फार्मिंग क्या है ? 


आजकल अधिक फसल उत्पादन करने के लिए किसान खेतो में केमिकल युक्त खाद,उर्वरको,रसायनिक कीटनाशको आदि का अधिक इस्तेमाल करने लगे है। लेकिन जैविक खेती का सिद्धांत इसके विपरीत है।

जैविक खेती का अर्थ है कि,कम से कम रसायनिक खाद,उर्वरको,कीटनाशको का इस्तेमाल करके प्राकृतिक रूप से बनी खाद,हरी खाद,कम्पोस्ट आदि का इस्तेमाल करके फसल उत्पादन करना ही,जैविक कृषि कहलाता है।

इसमे फसल उत्पादन कुदरती तरीके से किया जाता है और कम से कम रसायनिक कीटनाशको आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इसका सबसे अच्छा फायदा यह होता है कि,कृषि भूमि अधिक उपजाऊ होती है। और फसल उत्पादन के लिए ज्यादा खर्चा भी नहीं करना पड़ता है।

जैविक खेती के माध्यम से पैदा की गयी फसल स्वास्थ्य के लिए बेहतर होती है। और रसायनिक उर्वरको का कम इस्तेमाल करने से पर्यावरण भी प्र्दूषित नहीं होता है।

कम शब्दो में कुदरती तरीके से गोबर खाद,कम्पोस्ट,हरी खाद,केंचुए की खाद आदि का इस्तेमाल करके कृषि करना ही जैविक खेती कहलाता है।

जैविक खेती को इंग्लिश में "ऑर्गेनिक फार्मिंग" कहा जाता है। भारत में वर्तमान में लोग Organic Farming करना चाहते है। लेकिन इसकी जानकारी के अभाव में नहीं करते है।

आप जैविक खेती आसानी से शुरू कर सकते है। आजकल भारत में भी लोग अधिक संख्या में गन्ने की जैविक खेती,धान की जैविक खेती,सब्जियों की जैविक खेती कर रहे है। और इससे उनको काफी अच्छे परिणाम भी प्राप्त हो रहे है।



जैविक खेती कैसे करे ? Organic Farming Shuru Kaise Kare ? ऑर्गेनिक खेती शुरू करने का तरीका - 


1 - जैविक खेती करने के लिए खेत को तैयार करना और जैविक खेती करने हेतु प्रमुख जैविक खाद निर्मित करना ( आर्गेनिक जैविक खाद बनाने का घरेलु तरीका )

जैविक खेती में खेतो में रसायनिक खाद की जगह जैविक खाद ( Organic manure ) डालते है। जैविक खाद कैसे बनती है इसकी पूरी जानकारी हम आपको देने वाले है।

किसान गोबर की सबसे अच्छी खाद बनाने के लिए 3 फीट चौड़ा, 5 फीट गहरा, 15 से 20 फीट लम्बाई का गड्ढा खोदकर उसमें एक प्लास्टिक की तरपाल को बिछा देवें।

फिर उसमे फसलों के अवशेष,सब्जियों के छिलके आदि डालकर एक परत बना दे। उसमे ऊपर एक परत गोबर और पशु मूत्र डाल दे। फिर उसमे कुछ मिट्टी और गोबर डालकर उसका पूरा भर दे,ध्यान रखे की उसको पूरा नम रखे। और इसे खड्डे को अच्छे तरीके से ढक दे।

20 दिन के बाद एक बार इस खड्डे में मिश्रण को अच्छी तरह से हिलाये और लगभग 2 महीने में 4 बार इस मिश्रण को अच्छे तरीके से जरूर हिलाये। इसके बाद आपकी गोबर खाद बन चुकी है। यह खाद लगभग 90 से 120 दिनों में पूरी तरह से बन जाती है।

आजकल बाजार में पहले से ही बनी ऑर्गेनिक खाद  ( Organic manure )मिल जाती है। भारत में बहुत सी ऐसी Company है जो जैविक खाद बनाती है। आप कृषि मंडी में जाकर जिस दुकानदार से खाद आदि खरीदते है,उसको जैविक खाद के बारे में पूछे। वो आपको आसानी से जैविक खाद के बारे में पूरी जानकारी और उसके एक बैग का मूल्य आपको बता देगा।


2 - वर्मीकम्‍पोस्‍ट (केंचुआ खाद) 

मिट्टी की उर्वरता एवं उत्‍पादकता बढ़ाने के लिए मिट्टी में पोषक तत्‍वों के संतुलन का होना बहुत जरूरी है। खेतो में वर्मीकम्‍पोस्‍ट (केंचुआ खाद) डालने से यह मिट्टी में पोषक तत्वो की बढ़ोतरी करते है। वर्मी कम्‍पोस्‍ट में नाइट्रोजन फास्‍फोरस एवं पोटाश के अतिरिक्‍त में विभिन्‍न प्रकार सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व भी पाये जाते हैं। वर्मीकम्‍पोस्‍ट उत्‍पादन के लिए केंचुओं को विशेष प्रकार के गड्ढों में तैयार किया जाता है । '

एक एकड़ भूमि में आपको 2 से 3 टन तक वर्मीकम्‍पोस्‍ट (केंचुआ खाद) फसल बोने से पहले डालनी होती है।


3 - हरी खाद का इस्तेमाल करना - 

जैविक खेती में हरी खाद का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमे जिस खेत में जैविक खेती करनी है उसमे वर्षा में अधिक बढ्ने वाली सनई, लोबिया, ग्वार आदि उगाकर उनको 40 से 60 दिन बाद हल से जुताई करके खेत में ही मिला देते है। इससे खेतो को हरी खाद मिलती है,इससे खेत में नाइट्रोजन स्थिरीकरण,जल भंडारण की क्षमता अधिक होने में मदद मिलती है।


4 - जैविक कीटनाशको का निर्माण करना ( Organic pesticides For Organic Farming ) - 

फसल उत्पादन के प्रक्रम में कई बार फसलों को कीट,सूँडी आदि लग जाते है। इन कीटो के द्वारा फसलों को बहुत नुकसान पहुँचता है। फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों,सूँडी को मारने के लिए बाज़ार में बहुत से हानिकारक केमिकल युक्त रसायनिक कीटनाशक मिलते है। लेकिन उनका इस्तेमाल करने से फसलों को भी नुकसान पहुँचता है।

इस कारण जैविक खेती में आप घर पर ही जैविक कीटनाशक बनाकर उनका छिड़काव फसलों में कर सकते है। जिससे फसल पर लगाने वाले हानिकारक कीट आदि मर जायेंगे।

नीचे हमने घर पर जैविक कीटनाशक बनाने की विधि का विस्तार से वर्णन किया है।

मान लीजिये की हम 2 एकड़ भूमि के लिए जैविक कीट नियंत्रक बना रहे है तो इसके लिए -

सबसे पहले 40 लीटर देशी गाय का मूत्र इकठा करे।

  • 10 किलोग्राम नीम की पत्तियों या कच्ची निमोली इकठा करे 
  • 6 किलो ताजा हरा आंकड़ा के पत्ते इकठा करे
  • 6 किलो भेल के पत्ते ताजा हरा पत्ते इकठा करे
  • 6 किलो हरा आडू के पत्ते इकठा करे 
  • इन सभी पत्तों को अच्छी तरीके से पीसकर गाय के मूत्र में डालकर इसे उबाले। कुछ देर उबालने के बाद इसमे लगभग 20 गुना पानी डाल ले। 
  • अब आपका जैविक कीट नाशक बन चुका है। 

अब आप इसको खड़ी फसल पर पम्प द्वारा अच्छे तरीके से छिड़काव करे। यह फसलों को हानि पहुंचाने वाले सभी कीड़े,कीट,सूँडी को मार देगा। लेकिन फसलों को कोई भी नुकसान नहीं होगा। इस प्रकार इस कीट नाशको का असर 5 से 8 दिन तक ही रहता है। इस कारण आप फिर से इसका फसलों पर छिड़काव जरूर करे।



जैविक खेती परियोजना,जैविक खेती पर सरकारी अनुदान,जैविक खेती के लिए सब्सिडी/आर्थिक सहायता,जैविक खेती करने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली मदद - 


जैविक खेती की शुरुवात आपको खुद करनी होगी। लेकिन सरकार द्वारा आपको जैविक खेती पर अनुदान,आर्थिक सहायता आदि मिल सकती है।

भारत के अलग - अलग राज्य सरकारो के कृषि विभाग ने ऐसी बहुत सी योजनाये चला रखी है। जिससे जैविक खेती को प्रोत्साहन मिल सके। इन योजना की अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको अपने राज्य के कृषि विभाग से संपर्क करना होगा।

अपने राज्य के कृषि विभाग की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप Google.Com पर जाकर अपने राज्य का नाम लिखकर उसके पीछे कृषि विभाग टाइप करे। इससे आपको कृषि विभाग की वैबसाइट होती है। जिस पर क्लिक करने के बाद आपको अपने राज्य के कृषि विभाग के संपर्क सूत्र नंबर मिल जायेगा। उस नंबर के द्वारा आप अपने राज्य के कृषि विभाग से जैविक कृषि पर मिलने वाले अनुदान,योजना आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

आप जैविक खेती के संबंध के किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान कॉल सेंटर पर बात कर सकते है। उनका निशुलक नंबर नीचे फोटो में प्रदर्शित किया जा रहा है।

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जैविक खेती करने के फायदे ( Benefits Of Organic Farming in Hindi )

जैविक कृषि करना हर नजर से अच्छी है। इसके कुछ फायदे निम्न है -

  • जैविक खेती करने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। अधिक फसल उत्पादन होता है। 
  • इस प्रकार से कृषि करने से पर्यावरण प्रदूषण कम होता है।
  • जैविक खेती में कम पानी की आवश्यकता होती हैं। जिससे पानी की भी बचत होती है। 
  • इस खेती से भूमि की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है। 
  • जैविक खेती के द्वारा पैदा की गयी फसल,फल आदि स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते है। 
  • फसल अवशेषों को नष्ट करने की आवश्यकता नहीं होती है। उनका इस्तेमाल हरी खाद को निर्मित करने के लिए कर लिया जाता है। 
  • अधिक फसल उत्पादन होता है। 
  • जैविक खेती करने में खर्चा भी कम होता है और लाभ अधिक मिलता है। 

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