कुक्कुट पालन करके लाखो रूपये कैसे कमाये ? मुर्गी पालन की पूरी जानकारी

आप सभी पाठको का AMOJEET HINDI BLOG पर बहुत स्वागत है। आज की इस पोस्ट में हम आपको कुक्कुट पालन के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है। इस पोस्ट को पढ़कर आप "कुक्कुट पालन क्या होता है और कुक्कट पालन कैसे किया जाता है ?' के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है।

हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग है जो इस काम के माध्यम से अतिरिक्त आय भी कमा रहे है। यदि आप भी गाँव या शहर में रहते है और आपके पास कुछ जमीन है तो आप अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए कुक्कुट पालन शुरू कर सकते है। कुक्कट पालन के माध्यम से आप काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते है। लेकिन यह काम आपको योजना बनाकर तरीके से करना होगा।

इसी कारण आज की इस पोस्ट में हमने इस टॉपिक से संबंधित सभी तथ्यो को उजागर करने का प्रयास किया है। जिससे आपको कुक्कुट पालन करके अधिक मुनाफा कैसे कमाया जाता है,इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके। तो आइये आज की इस पोस्ट को शुरू करते है।



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कुक्कुट पालन क्या होता है ? What is Poultry Farming in Hindi ?  [ कुक्कुट पालन व्यवसाय ]


बहुत से लोग यह नहीं जानते है की कुक्कुट पालन क्या होता है। तो आइये हम आपको इसके बारे में विस्तारपूर्वक बताते है।

सबसे आसान भाषा में,"मांस अथवा अण्डे को प्राप्त करके उसको बेचकर आय या पैसा कमाने के लिये मुर्गी, टर्की, बत्तख आदि जानवरों को पालना कुक्कुट पालन (Poultry farming) कहलाता है। इसमे पहले मुर्गी,बतख आदि को पाला जाता है और फिर इनसे मास और अंडे की प्राप्ति की जाती है।

लेकिन ज्यादातर लोग मुर्गी पालन ही करते है। टर्की, बत्तख आदि को नहीं पालते है। मुर्गी पालना फायदेमंद भी होता है।

कुक्कट पालन को इंग्लिश में "Poultry Farming" भी कहते है।


गावों के लोग अधिकतर कुक्कुट पालन करते है। क्योकि इससे उनको अतिरिक्त आय प्राप्त होने के साथ - साथ दूसरे भी फायदे होते है। जैसे मुर्गी आदि की विष्ठा ( मल-मूत्र ) से खाद बनाकर खेतो में प्रयोग करने से अधिक फसल उत्पादन भी प्राप्त किया जा सकता है।

कुक्कुट पालन कैसे करे ? कुक्कुट पालन या मुर्गी पालन के द्वारा पैसे कैसे कमाये ? 


मुर्गी पालन का मतलब समझने के बाद अब हम आपको यह जानकारी देंगे की आप कैसे इस काम के द्वारा मुनाफा अर्जित कर सकते है।

कुक्कुट पालन शुरू करने के लिये आपको नीचे बताये गए सभी चरणों को ध्यान से पढ़ना होगा।

सबसे पहले आपको एक उचित जगह का चुनाव करना होगा। मान लीजिये की आप 500 मुर्गीया पालना चाहते है तो आपको लगभग 500 फीट जगह भी चाहिये। इस कारण पोल्ट्री फार्म के लिये बढ़िया सी जगह का चुनाव करके शेड आदि लगाकर तैयार रखे।

 मुर्गी पालन करने के लिये मुर्गी की बढ़िया नस्लों का ही चयन करे। बेहतर मुर्गी की नस्ल के द्वारा आप अधिक पैसे कमा सकते है।

सबसे पहले आपको मुर्गी का 18 से 20 हफ्ते तक ध्यान रखना होगा तभी वह अंडे देने लायक होती है।

आप चाहे तो मुर्गियों को बिछावन में पाल सकते है या पिंजरे में भी पाल सकते है।

शुरुवात के लगभग 7 हफ्ते तक मुर्गियों के चूजों को बड़े होने के लिए गर्मी की जरुरत होती है। इस कारण उस प्रकार का वातावरण बनाने की कोशिश करे। जैसे शेड में बल्ब आदि लगाकर भी कमरे को कुछ गरम किया जा सकता है।

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आपको लगभग 3 हफ्तों तक चूजों को बल्ब लगे कमरे में ही रखना चाहिये। चूजो को खाने के लिए हल्का खाना ही दिया जाना चाहिए।

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जैसा की हम जानते है की एक किसान या व्यक्ति मुर्गी फार्म या पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों का ध्यान रखता है ताकि वो मीट और अंडे बाजार में बेच कर पैसे कमा सके। लेकिन यदि मुर्गी की नस्ल अच्छी हो तो अधिक मात्रा में मास और अंडे प्राप्त होते है।


भारत में बहुत से प्रकार की मुर्गियों की ब्रीड पायी जाती है। उनमे से मुख्य निम्न है -

भारत के राज्य उत्तरप्रदेश के बरेली में स्थित केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान ( Central Avian Research Institute of India (CARI ) ने देसी और विदेशी मुर्गियों का संकरण करवाकर मुर्गी की चार नई नस्लों को विकसित किया है। इन मुर्गियों की नस्लों की खास बात यह है कि,यह बाकी मुर्गियों से लगभग दो गुणा अधिक अंडे देती हैं। इसके अलावा इनके अंडो का वजन भी अधिक होता है। इन मुर्गी की ब्रीड का नाम कुछ इस प्रकार है -

  • कैरी निर्भीक
  • कैरी श्यामा
  • उपकारी
  • हितकारी

अब हम आपको इन नस्लों की विशेषता बताते है जिससे आप अपने मुर्गी फार्म या पोल्ट्री फार्म के लिये बढ़िया नस्ल का चयन कर सके।

1 - कैरी निर्भीक ( एसील क्रॉस )

यह भारतीय देसी मुर्गी की नस्ल के साथ कैरी रेड नस्ल की मुर्गी के संकरण से विकसित की गई है। कैरी निर्भीक एक बड़े आकार की मुर्गी होती है। यह नस्ल काफी शक्तिशाली,तेज और लड़ाई करने में तेज होती है।


मुर्गे का वजन
3 से 4 किलोग्राम
मुर्गी का वजन
2 से 3 किलोग्राम
यौन परिपक्वता की आयु
95 दिन
वार्षिक अंडा उत्पादन (संख्या)
92



2 - कैरी श्यामा ( कडाकानाथ क्रॉस )

इस मुर्गी की नस्ल को “कालामासी” नाम से जाना जाता है। यह मुख्य रूप से मध्यप्रदेश और राजस्थान में पायी जाती है। यह नीले और काले रंग की मिली जुली रंग की मुर्गी होती है।

मुर्गे का वजन
1 किलोग्राम ( 20 सप्ताह बाद )
यौन परिपक्वता की आयु
180 दिन
वार्षिक अंडा उत्पादन (संख्या)
110 ( अधिकतम )


3 - उपकारी ( फ्रिजल क्रॉस )

इस नस्ल की मुर्गी का अंडा भूरे रंग का होता है। इसका वजन अधिकतम 2 किलो तक हो सकता है।

अंडे का वजन
लगभग 60 ग्राम
यौन परिपक्वता की आयु
170 दिन
वार्षिक अंडा उत्पादन (संख्या)
170 से 180 ( अधिकतम )


4 - हितकारी (नैक्ड नैक क्रॉस )

इस नस्ल की मुर्गीया बड़े शरीर के साथ-साथ लम्बी गर्दन वाली होती है। इनकी गर्दन पर बाल नहीं होते है। इनकी गर्दन लाल रंग की होती है। यह केरल राज्य में मुख्यत पायी जाती है।


मुर्गी का वजन
लगभग 1200 ग्राम ( 20 सप्ताह बाद )
यौन परिपक्वता की आयु
200 दिन
वार्षिक अंडा उत्पादन (संख्या)
100 से 110 ( अधिकतम )
अंडे का वजन
55 ग्राम


कुक्कुट पालन करने या मुर्गी पालन करने के लिये आपको कुछ दस्तावेज़ भी तैयार रखने चाहिये। जैसे की आप जिस जगह पर मुर्गी फार्म खोलना चाहते है वहाँ के स्थानीय प्राधिकरण विभाग से आपको अनापत्ति प्रमाण पत्र ( NOC ) भी लेना होगा।

कुक्कुट पालन मध्यम स्तर का शुरू करने के लिये आपको 2 से 3 लाख रूपये की जरूरत होगी। वैसे आप घर पर ही मुर्गी पालन शुरू कर सकते है। लेकिन जब आपको मुनाफा होना शुरू हो जाये तो आप एक अच्छे स्तर का मुर्गी फार्म खोल सकते है।


कुक्कुट पालन कर्ज योजना,कुक्कुट पालन अनुदान,कुक्कुट पालन के लिये Loan कैसे लेते है ?


जब भी कोई कुक्कुट पालन शुरू करता है तो उसके मन में यह सवाल जरूर आता है की क्या कुक्कुट पालन शुरू करने के लिये सरकार द्वारा किसी भी तरह का अनुदान,Loan आदि मिल सकता है या नहीं। तो इसका जबाव है की अलग-अलग राज्यो में राज्य सरकारो द्वारा मुर्गीपालन को बढ़ावा देने के लिये कई योजनाएँ चला रखी है।

आप अपने राज्य के अनुसार कुक्कुट पालन योजना की जानकारी बैंक से भी प्राप्त कर सकते है।

अब रही बात Loan की तो आपको मुर्गीपालन के लिये लोन नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) के माध्यम से मिल सकता है। बिना किसी ब्याज दर के एक लाख रूपये तक का उधार आपको मिल सकता है। इसके लिये आप "NABARD" की Website पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।

हम उम्मीद करते है की आपको आज के इस लेख में मुर्गीपालन या कुक्कुट पालन कैसे करते है की पूरी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। यदि यह लेख आपको अच्छा लगा है तो इसे Share जरूर करे।

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