मत्स्य पालन से पैसे कैसे कमाये ? मछ्ली पालन कैसे करे ?

आज के इस लेख में हम आपको मत्स्य पालन के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है। "मत्स्य पालन क्या है ? व मत्स्य पालन कैसे किया जाता है ?" की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस लेख को पूर्ण जरूर पढे। क्योकि यदि आप योजना बनाकर मछली पालन करेंगे तो आप कम लागत में भी इस व्यवसाय से आय अर्जित कर सकते है।

पिछली पोस्ट में हमने आपको जानकारी दी है कि,"कुक्कुट पालन करके लाखो रूपये कैसे कमाये जाते है "। ठीक उसी तरह ग्रामीण क्षेत्र के लोग आसानी से मत्स्य पालन करके भी पैसे कमा सकते है। यह व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र के युवायों के लिए रोजगार का भी एक अच्छा विकल्प है। जिससे वे अपनी आजीविका कमा सकते है। तो आइये इस व्यवसाय को शुरू करने के बारे में जानकारी प्राप्त करते है।


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मत्स्य पालन की विस्तृत जानकारी ( मछ्ली पालन क्या है ? ) Fish Farming Business Information in Hindi


तालाब,जल भंडारण स्थान आदि पर मछ्ली की किसी किस्म को अधिक संख्या में पालकर,फिर मछलियो को बेचकर आय प्राप्त करना ही,मत्स्य पालन कहलता है। इसे इंग्लिश में Fish Farming भी कहते है।

चूंकि भारत में अब मछली की माँग में दिन-प्रतिदिन की बढ़ोतरी हो रही है,उसको देखकर आजकल लोग मत्स्य पालन को एक व्यवसाय के रूप में लेने लगे है। जिसे हम इंग्लिश में Fish Farming Business भी कहते है। चूँकि इस व्यवसाय के माध्यम से अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है,इस कारण युवा वर्ग भी इस व्यवसाय के प्रति आकर्षित हो रहा है।

मछ्ली पालन कैसे करे ? मत्स्य पालन करने का तरीका ( Fish Farming Business Kaise Kare ] कम खर्चे में मछ्ली पालन करके पैसे कैसे कमाये ?


मछ्ली पालन शुरू करने से पहले आपको मछ्ली पालन हेतु कुछ तैयारी करनी होगी। जिसमे आपको निम्न चरणों की अनुपालना करनी होगी।

चरण 1 - मछ्ली पालन हेतु तालाब को तैयार करना 

आप किसी भी प्रकार के तालाब का चयन कर सकते है। मछली पालने के लिए तालाब की तैयारी बरसात के मौसम से पहले ही कर लेनी चाहिये। जिससे बरसात होने पर वर्षा का पानी उसमे एकत्रित हो जायेगा। यदि तालाब में कुछ सामान्य सिंघाड़ा, कमलगट्‌टा, मुरार आदि वनस्पति उगी है तो यह तालाब भी काम में लिये जा सकते है।

इन वनस्पतियों के तालाब के पानी में सड़ने गलने के बाद यह पानी व मिट्‌टी को अधिक उपजाऊ बनाती  है जिससे मछली के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक आहार प्लैकटन (प्लवक) उत्पन्न होता है। इसको मछ्ली खाती है।

लेकिन इस बात का ख्याल रखे कि,तालाबों में मांसाहारी किस्म की मछ्ली की किस्मे न हो। तथा मछलियो के खाने के लिये उचित मात्रा में प्लैकटन (प्लवक) होना चाहिये। तालाब में उचित मात्रा में प्लैकटन (प्लवक) को उत्त्पन करने के लिये हर महीने 1000 किलो गोबर की खाद, 30 किलो सुपर फास्फेट तथा 15 किलो यूरिया का प्रयोग तालाब में करना चाहिये। इस प्रकार आप मत्स्य पालन के लिये कम लागत में एक अच्छा तालाब तैयार कर सकते है।




चरण 2 - मत्स्य बीज या मछ्ली के बीज ( जीरा ) ( Fish Seeds,Fingerlings ) को तालाब में डालना - 

मछली के बीज (जीरा) को डालने के पूर्व तालाब को अच्छे तरीके से साफ़ करना आवश्यक होता है। एक एकड़ के तालाब में आप अधिकतम 5000 से 6000 मछली के बीज डाल सकते है।

तालाब में आप मछ्ली की निम्न छ: प्रकार की किस्मों को निर्धारित अनुपात में डालकर तालाब में डाल सकते है। इन किस्मों में देशी मछलियो की किस्मे और विदेशी मछलियाँ किस्म भी शामिल है।

जैसे एक एकड़ के तालाब में आपको 6000 मछ्ली बीज डालना है तो आप -

  • कतला किस्म मछ्ली बीज लगभग 1000 की संख्या में डाले।
  • रोहू किस्म की मछ्ली बीज लगभग 1500 की संख्या में डाले।
  • मृगल किस्म की मछ्ली बीज लगभग 1000 की संख्या में डाले।
  • सिल्वर कार्प की मछली बीज लगभग 800 की संख्या में डाले।
  • ग्रांस कार्प की मछ्ली बीज लगभग 600 की संख्या में डाले।
  • कॉमन कॉर्प मछ्ली बीज लगभग 900 की संख्या में डाले।

हमेशा ध्यान रखे की एक एकड़ तालाब में लगभग 4000 मछलियाँ जीवित रहती है। इस कारण मछली बीज 4000 से अधिक मात्रा में डाले क्योकि मछ्ली बीजो में से कुछ मछलियाँ मर भी जाती है।

चरण 3 - तालाब में खाद डालना - 

मछ्ली पालने के लिये आपने जो तालाब तैयार किया है उसमे आपको उचित मात्रा में जैविक एवं रासायनिक खाद भी डालनी चाहिये।

तालाब में मछ्ली बीज डालने से पहले लगभग एक एकड़ में आपको 800 किलो गोबर खाद,8 किलो डी.ए.पी:  और 100 से 200 किलो चूने की मात्रा डालनी चाहिये।

फिर आपको मछ्ली का बीज डालने के बाद लगभग हर महीने 400 किलो गोबर खाद,6 किलो डी.ए.पी:  और 50 किलो चूने की मात्रा तालाब में डालनी चाहिये।

यदि तालाब में हरी काई की परत जमा हो गयी है तो आपको खाद नहीं डालनी चाहिये।

चरण 4 - मछलियों को आहार के लिये भोजन देना - 

तालाब में मछलियाँ वनस्पतियों के माध्यम से बने प्लवक को खाती है। लेकिन मछ्ली के अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिये आपको सरसों की खली एवं चावल का कुंडा भी तालाब में उचित मात्रा में डालना चाहिये।


आपको प्रतिदिन एक निश्चित समय पर यह आहार डालना चाहिए जिससे मछली उसे खाने का समय बांध लेती है एवं आहार व्यर्थ नहीं जाता है।

जैसे तालाब में मछ्ली के बीज डालने के 4 महीनो तक आपको हर महीने 3 से 4 किलो सरसों की खली एवं चावल का कुंडा मिलाकर तालाब में डालना चाहिये।

4 महीने के बाद आप तालाब में 5 से 10 किलो तक मिश्रित रूप में सरसों की खली एवं चावल का कुंडा मिलाकर जरूर डाले।

Note - यदि आपके पास छोटा तालाब है और जिसमे हमेशा पानी नहीं  होता है तो आप उसमे मछ्ली पालन नहीं कर सकते है। उसमे आप मत्स्य-बीज उत्पादन करके आय अर्जित करनी होती है। जिसमे आप तालाब में मत्स्य-बीज  डालकर उनका कुछ विकास होने के बाद उनको बेचकर पैसे कमा सकते है।




मछ्ली पालन शुरू कैसे करे ? मछली पालन व्यवसाय में ध्यान रखने योग्य बाते - 


ऊपर लेख में हम आपको Fish Farming Business के बारे में पूरी जानकारी दे चुके है। आप एक कच्चे तालाब से भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकते है। कुछ समय बाद जब आपको आय होने लगे तो आप अधिक जगह पर तालाब का निर्माण करके मत्स्य पालन शुरू करके अधिक मात्रा में पैसे कमा सकते है।

मछली पालन व्यवसाय में ध्यान रखने योग्य बाते  -

  • तालाब में कोई भी मांसाहारी मछ्ली न हो पाये। 
  • तालाब के क्षेत्र के अनुसार ही उसमे मछ्ली का बीज डाले जैसे 1 एकड़ के तालाब में 5000 से 6000 Fish Seeds ( Fish Fingerlings ) डाले। 
  • प्रति दिन समय पर मछलियो को खाने के लिए आहार दे,
  • समय - समय पर मछलियो की जाँच करवाकर उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे। 


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भारत सरकार ने मछ्ली पालको को बढ़ावा देने के लिये काफी काम किये है। सरकार ने राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड का मत्स्य पालन विभाग के तहत गठन भी किया है। जिसका उद्देश्य मछ्ली पालन को बढ़ावा देना है और मछ्ली पालको को अधिक से अधिक जानकारी देना है।

यदि आप भी मछ्ली पालन शुरू करना चाहते है और मछ्ली पालने के संबंध में कोई जानकारी चाहते है,मछ्ली पालन के लिये सरकारी लोन,अनुदान,मछ्ली पालन योजना की जानकारी चाहते है तो आप इस राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड ( National Fisheries Development Board,India ) से निशुल्क जानकारी प्राप्त कर सकते है।

आप इनमे निम्न माध्यम के द्वारा संपर्क कर सकते है। Machli Palan Helpline Number भी दिया गया है। जिसके माध्यम से आप इस व्यवसाय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।

राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड
मत्स्य पालन विभाग
मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार
“मत्स्य भवन” स्तंभ सं. 235, पी.वी.एन.आर. एक्सप्रेसवे
एस.वी.पी.एन.पी.ए. डाकघर, हैदराबाद-500052.
टेली: + 91 - 040 - 24000201/177;
फैक्स: + 91 - 040 - 24015568
नि:शुल्क हेल्पलाइन सं.: 1800-425-1660
ई-मेल:: info.nfdb@nic.in, ce-dadf.nfdb@gov.in; वेब: http://nfdb.gov.in
कार्य-दिवस: सोमवार-शुक्रवार (9.30 प्रात: से 6.00 बजे सायं तक)
अवकाश: शनिवार एवं रविवार

तो पाठको आज के इस लेख में हमने आपको Machli Palan Ka Tarika,Machli Palan Yojna,Loan,आदि के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास किया है। यह लेख आपको कैसे लगा आप नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये। आज के इस लेख को Social Media पर Share भी जरूर करे। आपने हमारी ब्लॉग की पोस्ट को पढ़ा,इसके लिये हम आपका कोटि-कोटि आभार प्रगट करते है।

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