गायत्री मंत्र का सरल व स्टीक अर्थ Gayatri Mantra Meaning in Hindi

गायत्री मंत्र को मंत्रों का महामंत्र भी कहते हैं। यह वेदों का एक महत्वपूर्ण मंत्र हैं। गायत्री मंत्र का जाप करने से चंचल मन नियंत्रित होता है और व्यक्ति के आस पास नकारात्मक शक्तियाँ बिलकुल नहीं आती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से कई प्रकार के लाभ होते है और व्यक्ति को मानसिक चिंताओं से मुक्ति मिलती है। लेकिन किसी भी मंत्र का उच्चारण करने से पहले उसके अर्थ को समझना बहुत जरूरी होता हैं। 

किसी भी मंत्र का अर्थ समझ लेने से उसके भावार्थ को समझना बहुत आसान हो जाता हैं। चूंकि गायत्री मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र माना जाता है इस कारण इस मंत्र का अर्थ उच्चारण करने वाले व्यक्ति को होना आवश्यक हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको गायत्री मंत्र का अर्थ Gayatri Mantra Meaning in Hindi ) बता रहे हैं। 

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गायत्री मंत्र का अर्थ | Gayatri Mantra Meaning in Hindi | 
Meaning Of Gayatri Mantra 


ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

गायत्री मंत्र का अर्थ इसके शब्दों में ही छुपा हुआ हैं, इस मंत्र के हर एक अक्षर व शब्द का अर्थ निम्नलिखित हैं :- 
  • यानि प्रणव अक्षर। इसकी ध्वनि कण-कण में समाहित हैं। 
  • भू यानि भूमण्डल अर्थात भूलोक। 
  • भुव: यानि अन्तरिक्ष लोक अर्थात ग्र्हमंडल। 
  • स्व: यानि स्वर्ग लोक। 
  • तत यानि वो परमात्मा, ईश्वर। 
  • सवित यानि ईश्वर बनाने वाला सूर्य
  • वरेण्यम यानि वंदना करने योग्य
  • भर्गो यानि तेज का या प्रकाश का 
  • देवस्य यानि देवताओं का 
  • धीमहि यानि ध्यान करते हैं 
  • धियो यानि बुद्धि
  • यो यानि जो कि
  • न: यानि हमारी
  • प्रचोदयात् यानि सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे या प्रकाशित करे। 

हमारा पृथ्वी मण्डल, गृह मण्डल, अन्तरिक्ष मण्डल तथा सभी आकाश गंगाओ की गतिशीलता से उत्पन्न महान शोर ( ध्वनि ) ही ईश्वर की प्रथम पहचान प्रणव अक्षर 'ॐ' ( ओम ) हैं और वह परमात्मा जो प्रकाश के रूप में विद्यमान हैं, वंदनीय हैं। हम उस परमात्मा के प्रकाश का ध्यान करते है और यह प्रार्थना भी करते है कि वह हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे अर्थात हमारी बुद्धि को सन्मार्ग पर लगाये। 

गायत्री महामंत्र ( Gayatri Mantra )


ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

गायत्री मंत्र का अर्थ हिन्दी में 


गायत्री मंत्र का अर्थ होता है कि उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे अर्थात : हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो पापों तथा अज्ञान की दूर करने वाला हैं- वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य पथ पर ले जाए।

गायत्री मंत्र का जाप करने के फायदे 


  • गायत्री मंत्र का नियमित रुप से जाप करने से व्यक्ति के आसपास नकारात्मक शक्तियाँ बिल्कुल नहीं आती हैं। 
  • इस मंत्र का उच्चारण करने से बौद्धिक क्षमता बढ़ती हैं। 
  • महाशक्तिशाली गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर होते हैं। यह 24 अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं। 
  • इस मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति को मानसिक चिंताओं से मुक्ति मिलती हैं। 
  • यह मंत्र सभी मनोकामनाएं को पूर्ण करने की शक्ति रखता हैं। 

हम उम्मीद करते है कि आज की इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से आपको Gayatri Mantra Ka Arth मालूम पड़ गया होगा। इस पोस्ट से जुड़े सवाल करने के लिए या विचार रखने के लिए नीचे कमेंट करे। इसी तरह के रोचक ज्ञानवर्धक जानकारी युक्त हिन्दी लेख पढ़ने के लिए AMOJEET HINDI BLOG को हर दिन जरूर पढे।

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