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थॉमस ऐल्वा एडीसन एक ऐसे वैज्ञानिक है जिनका नाम विधुत बल्ब की खोज करने के आलावा बहुत से अविष्कारों की खोज करने के लिए जाना जाता है.लेकिन इस महान वैज्ञानिक को अपने जीवन के शुरुवाती समय में हजारो नाकामियों का सामना करना पड़ा था.
उनको जब स्कूल में प्रवेश दिलाया गया तो उनको नयी चीजो को समझने में बहुत परेशानी होती थी.वह नयी चीजो को आसानी से समझ नहीं पाते थे.उनको दुसरे बच्चो से अधिक मेहनत करनी पड़ती थी,फिर कही जाकर उनको नए चीजे समझ आती थी.लेकिन उनकी यह कमजोरी उनके लिए वरदान साबित हुयी.
वह जब आविष्कार करते थे तो हजारो बार असफल साबित हो जाते थे.लेकिन उनको पता था की वह नया आविष्कार अवश्य कर लेंगे और वह लगाकर नए आविष्कार प्रयोग करते रहते थे.इस कारण हजारो बार असफल होने के बाद ही उन्होंने बिजली से चलने वाले बल्ब का आविष्कार किया था.
थॉमस ऐल्वा एडीसन खुद कह चुके है की एक महान इन्सान बनने के लिए केवल एक प्रतिशत प्रेरणा और 99 % मेहनत की जरुरत होती है.उनके जीवन से हमे यह प्रेरणा मिलती है की,जीवन में हजारो बार असफल होने के बावजूद भी हमे मेहनत करनी जारी रखनी चाहिए.क्योकि हजारो असफलता के बाद हमे एक ऐसी सफलता मिलती है जिसकी ख़ुशी हमे हजारो असफलताओं का दुःख भूला देती है.इस प्रेरणादायक स्टोरी को पढ़कर आपके क्या विचार है,आप कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताये.
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वह जब आविष्कार करते थे तो हजारो बार असफल साबित हो जाते थे.लेकिन उनको पता था की वह नया आविष्कार अवश्य कर लेंगे और वह लगाकर नए आविष्कार प्रयोग करते रहते थे.इस कारण हजारो बार असफल होने के बाद ही उन्होंने बिजली से चलने वाले बल्ब का आविष्कार किया था.
थॉमस ऐल्वा एडीसन खुद कह चुके है की एक महान इन्सान बनने के लिए केवल एक प्रतिशत प्रेरणा और 99 % मेहनत की जरुरत होती है.उनके जीवन से हमे यह प्रेरणा मिलती है की,जीवन में हजारो बार असफल होने के बावजूद भी हमे मेहनत करनी जारी रखनी चाहिए.क्योकि हजारो असफलता के बाद हमे एक ऐसी सफलता मिलती है जिसकी ख़ुशी हमे हजारो असफलताओं का दुःख भूला देती है.इस प्रेरणादायक स्टोरी को पढ़कर आपके क्या विचार है,आप कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताये.
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